उत्तर प्रदेश, राज्य में जिला सम्भल के चन्दौसी नगर शिक्षा के क्षेत्र में एक विख्यात नगर है । स्वतन्त्रता प्राप्ति के पूर्व से ही प्रारम्भिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक बालक एवं बालिकाओं के लिये शिक्षण संस्थायें यहाँ कार्य कर रही हैं।
स्नातक तथा स्नातकोत्तर तक शिक्षा की व्यवस्था होते हुये क्षेत्र में विधि की शिक्षा की प्राप्ति विद्यार्थियों के रुझान एवं उसकी उपयोगिता के लिये इसके संस्थापक साहू सुभाष चन्द्र रुस्तगी ने इस पवित्र संस्था की स्थापना की ।
यू तो इस क्षेत्र मे विधि तृतीय वर्षीय पाठ्यक्रम का एक अन्य संस्थान भी है। परन्तु इस सम्मानित संस्था में तृतीय वर्षीय विधि पाठ्यक्रम के साथ-साथ सम्भल जिले में एक मात्र प्रथम पंचवर्षीय विधि पाठ्यक्रम शुरू करने वाला यह प्रथम संस्थान है । इस विधि महाविद्यालय में शीघ्र ही विधि की विभिन्न शाखाओं से सम्बन्धित डिप्लोमा, प्रमाण पत्र कोर्स तथा विधि स्नातकोत्तर (एल एल. एम.) पाठ्यक्रम की भी शुरूआत किये जाने की भविष्य में योजना है।
यह विधि महाविद्यालय विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) नई दिल्ली द्वारा यू०जी०सी० अधि० की धारा 2 (F) के अर्न्तगत मान्यता प्राप्त है जिसे म० ज्यो० फू० वि० बरेली के द्वारा मान्यता प्रदान की गई है तथा बॉर कॉउन्सिल ऑफ इण्डिया के द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया है ।
संस्थापक का यह प्रयास है कि यह संस्था विधि एवं शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न उपलब्धियों के लिये विद्यार्थियों को सभी सुविधायें तथा उच्च कोटि की शिक्षा एवं प्रशिक्षण प्रदान करें ताकि वे राष्ट्र निर्माण एवं विश्व कल्याण निर्माण में इस महाविद्यालय तथा चन्दौसी नगर का नाम रोशन कर सकें ।
Success will depend on you: your motivation, your workstyle, and your sense of personal responsibility, but it also depends on the partnerships that develop which serve and help you.
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